किसान भाईयो को मूली के बारे में कुछ जानकारी दे?
मूली अत्यन्त महत्वपूर्ण सब्जी
है इसे कच्चा
सलाद के रूप
में या अचार
बनाने के प्रयोग
में भी लाते
है इसकी खेती
पूरे भारतवर्ष में
की जाती है
इसका उत्पादन मुख्य
रूप से पश्चिम
बंगाल, बिहार, पंजाब, असाम,
हरियाण, गुजरात, हिमांचल प्रदेश
एवं उत्तर प्रदेश
में किया जता
हैI
मूली की खेती के लिए किस प्रकार की जलवायु एवं भूमि होनी चाहिए?
यह ठन्डे मौसम की
फसल है इसके
बढ़वार हेतु 10 से 15 डिग्री
सेंटीग्रेट अच्छा तापक्रम होता
हैI अधिक तापक्रम
पर जड़े कड़ी
तथा कड़वी हो
जाती हैI मूली
का अच्छा उत्पादन
लेने हेतु जीवांशयुक्त
दोमट या बलुई
दोमट भूमि अच्छी
होती है भूमि
का पी.एच.
मान 6.5 के निकट
अच्छा होता हैI
वह कौन सी प्रमुख प्रजातियां है जिनका इस्तेमाल मूली की खेती करते वक्त हम करे ?
मूली की प्रजातियां
जैसे की जापानी
सफ़ेद, पूसा देशी,
पूसा चेतकी, अर्का
निशांत, जौनपुरी, बॉम्बे रेड,
पूसा रेशमी, पंजाब
अगेती, पंजाब सफ़ेद, आई.एच. आर1-1
एवं कल्याणपुर सफ़ेद
हैI शीतोषण प्रदेशो
हेतु ह्वाइट इसली,
रैपिड रेड, ह्वाइट
टिप्स, स्कारलेट ग्लोब तथा
पूसा हिमानी अच्छी
प्रजातियां है I
खेत की तैयारी
मूली की खेती के लिए किसान भाई अपने खेत की तैयारी किस प्रकार से करे?
मूली की खेती
वर्षा समाप्त होने
के बाद की
जाती हैI पहली
जुताई मिट्टी पलटने
वाले हल से
तथा दो-तीन
जुताई कल्टीवेटर या
देशी हल से
करके खेत को
भुरभुरा बना लेना
चाहिएI जुताई करते समय
200 से 250 कुंतल सड़ी गोबर
की खाद मिला
देना चाहिएI
बीज बुवाई
मूली की खेती हेतु बीज पर पार्टी हेक्टेयर कितनी मात्रा लगती है और बीजों का शोधन हमारे किसान भाई किस प्रकार करे?
मूली का बीज
10 से 12 किलोग्राम प्राति हेक्टेयर
पर्याप्त होता हैI
मूली के बीज
का शोधन 2.5 ग्राम
थीरम से एक
किलोग्राम बीज की
दर से उप
शोधित करना चाहिएI
मूली की फसल की बुवाई कब करे और किस विधि से करे?
मूली की बुवाई
अक्टूबर माह में
की जाती है
I लेकिन कुछ प्रजातियों
की बुवाई अलग-अलग समय
पर की जाती
हैI जैसे की
पूसा हिमानी की
बुवाई दिसम्बर से
फरवरी तक की
जाती है तथा
पूसा चेतकी प्रजाति
को मार्च से
मध्य अगस्त माह
तक बोया जाता
है बुवाई मेड़ों
तथा समतल क्यारियो
में भी की
जाती हैI लाइन
से लाइन या
मेड़ों से मेंड़ो
की दूरी 45 से
50 सेंटीमीटर तथा उचाई
20 से 25 सेंटीमीटर रखी जाती
हैI पौधे से
पौधे की दूरी
5 से 8 सेंटीमीटर राखी जाती
है बुवाई 3 से
4 सेंटीमीटर की गहराई
पर करनी चाहिएI
मूली की फसल में खाद एवं उर्वरको का प्रयोग कैसे करे और कितनी मात्रा में करे?
200 से 250
कुंतल सड़ी गोबर
की खाद खेत
की तैयारी करते
समय देनी चाहिए
इसके साथ ही
80 किलोग्राम नत्रजन, 50 किलोग्राम फास्फोरस
तथा 50 किलोग्राम पोटाश तत्व
के रूप में
प्रति हेक्टेयर प्रयोग
करना चाहिएI नत्रजन
की आधी मात्रा
फास्फोरस एवं पोटाश
की पूरी मात्रा
बुवाई से पहले
तथा नत्रजन की
आधी मात्रा दो
बार में खड़ी
फसल में देना
चाहिए जिसमे नत्रजन
1/4 मात्रा शुरू की
पौधों की बढ़वार
पर तथा 1/4 नत्रजन
की मात्रा जड़ों
की बढ़वार के
समय देना चाहिएI
जल प्रबंधन
मूली की फसल में कब सिंचाई करनी चाहिए और कितनी मात्रा में करनी चाहिए?
पहली सिंचाई तीन चार
पत्ती की अवस्था
पर करनी चाहिएI
मूली में सिंचाई
भूमि के अनुसार
कम ज्यादा करनी
पड़ती हैI सर्दियों
में 10 से 15 दिन के
अंतराल पर तथा
गर्मियों में प्रति
सप्ताह सिंचाई करनी चाहिएI
खरपतवार प्रबंधन
मूली की फसल में निराई-गुड़ाई और खरपतवारों का नियंत्रण हमें कैसे करना चाहिए किस प्रकार से करना चाहिए और क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
पूरी फसल में
2 से 3 निराई-गुड़ाई करनी
चाहिएI जब जड़ों
की बढ़वार शुरू
हो जावे तो
एक बार मेंड़ों
पर मिट्टी चढ़ानी
चाहिएI खरपतवार नियंत्रण हेतु
बुवाई के तुरंत
बाद 2 से 3 दिन
के अंदर 3.3 लीटर
पेंडामेथलीन 600 से 800 लीटर पानी
के साथ घोलकर
प्रति हेक्टेयर के
हिसाब से छिड़काव
करना चाहिएI
रोग प्रबंधन
मूली की फसल में कौन-कौन से रोग लगाने की सम्भावना होती है और उसके नियंत्रण हेतु क्या करे?
मूली में ह्वाइट
रस्ट, सरकोस्पोरा कैरोटी,
पीला रोग, अल्टरनेरिया
पर्ण, अंगमारी रोग
लगते हैI इन्हे
रोकने के लिए
फफूंद नाशक दवा
डाईथेन एम् 45 या जेड
78 का 0.2% घोल से
छिड़काव करना चाहिएI
बीज उपचारित होना
चाहिए 0.2% ब्लाईटेक्स का छिड़काव
करना चाहिएI पीला
रोग के नियंत्रण
हेतु इंडोसेल 2 मिलीलीटर
प्रति लीटर या
इण्डोधान 2 मिलीलीटर प्रति लीटर
के हिसाब से
छिड़काव करना चाहिएI
कीट प्रबंधन
मूली की फसल में कौन-कौन से कीट लगते है और उनके नियंत्रण के लिए क्या उपाय करने चाहिए?
किसान भाइयो रोग के
साथ-साथ कीटो
का भी प्रकोप
होता हैI मूली
में मांहू, मूंगी,
बालदार कीड़ा, अर्धगोलाकार सूंडी,
आरा मक्खी, डायमंड
बैक्टाम कीट लगते
हैI इनकी रोकथाम
हेतु मैलाथियान 0.05 % तथा
0.05 % डाईक्लोरवास का प्रयोग
करना चाहिएI थायोडान,
इंडोसेल का 1.25 लीटर प्रति
हेक्टेयर के हिसाब
से छिड़काव करना
चाहिएI 10% बी.एच.सी. या
4% कार्बेरॉल का चूर्ण
का भी बुरकाव
करना चाहिएI
फसल कटाई
मूली की फसल के कटाई का सही समय क्या है?
किसान भाइयो कटाई हेतु
जब खेत में
मूली की जड़े
खाने लायक हो
जावे अर्थात बुवाई
के 45 से 50 दिन
बाद जड़ो को
सुरक्षित निकालकर सफाई करके
बाद में बाजार
में बेंच देना
चाहिएI इन्ही जड़ो को
सलाद एवं अचार
बनाने में प्रयोग
करते हैI
पैदावार
मूली की फसल में प्रति हेक्टेयर लगभग कितनी पैदावार प्राप्त कर सकते है?
सभी तकनीको को अपनाते
हुए खाने योग्य
जड़ो की पैदावार
150 से 200 कुंतल प्रति हेक्टेयर
प्राप्त होती हैI
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