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टमाटर की खेती

परिचय

टमाटर की खेती एक व्वसाय के रूप में स्थान रखती हैI इसका सब्जी उत्पादन में विशेष योगदान हैI टमाटर में लाल रंग पाये जाने वाला तत्व लाइकोपिन औषधीय गुण लिए होता हैI इसकी खेती पूरे भारत वर्ष में की जाती है इसमे विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पायी जाती हैI

प्रजातियाँ

टमाटर की खेती के लिए कौन सी प्रमुख प्रजातियाँ है?
इसमे दो प्रकार की प्रजातियाँ पायी जाती हैI एक सामान्य उन्नतशील प्रजातियाँइसमे की जैसे की हिसार अरुण, पंजाब छुहारा, अर्का विकास, अर्का सौरभ, काशी अमृत, पन्त टमाटर-3, कल्यानपुर टाइप-3, आजाद टी-5, आजाद टी-6, काशी, पूसा अर्ली, काशी अनुपम इत्यादिI दूसरी प्रकार की प्रजातियाँ है संकर प्रजातियाँ इसमे दो तरह की होती है, एक सीमित बढवार वाली, दूसरी असीमित बढवार वाली सबसे पहले हम सीमित बढवार वाली प्रजातियाँ बताना चाहेंगे रश्मी, रुपाली, अजन्ता पूसा हाइब्रिड 2, मंगला, वैशाली, मैत्री, अविनाश 22, स्वर्ण वैभव एव् ऋषिI दूसरे प्रकार की असीमित बढवार वाली प्रजातियाँ जैसे नवीन सोनाली, लैरिका, रत्ना, आदिI तीसरे प्रकार की रोग अवरोधी प्रजातियाँ होती है जैसे मोहनी, रत्ना, मिनाक्षी, मैत्री, मेनिका, ऋषि आदि हैI

उपयुक्त जलवायु

 टमाटर की खेती के लिए किस प्रकार की मृदा और जलवायु की आवश्यकता होती है?
टमाटर की खेती के लिए जीवांश युक्त बलुई दोमट एवं दोमट भूमि में सफलता पूर्वक की जा सकती हैI भूमि में जल निकास होना अति आवश्यक हैI टमाटर की खेती लगभग पूरे वर्ष की जा सकती हैI

खेतों की तैयारी

टमाटर की पौध की रोपाई के लिए खेत की तैयारी किस प्रकार से करें?
टमाटर के रोपाई हेतु खेत की अच्छी तरह जुताई करके भुरभुरा बनाकर क्यारियां बना लेना चाहिएI अन्तिम जुताई में 200 से 250 कुंतल सड़ी गोबर की खाद अथवा अथवा कम्पोस्ट खाद को खेत में अच्छी तरह से मिला देना चाहिएI अच्छी पैदावार के लिए तत्व के रूप में 150 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस, एवं 80 किलो पोटाश की मात्रा देनी चाहिएI नाइट्रोजन की आधी मात्रा फास्फोरस तथा पोटाश की पूरी मात्रा खेत तैयार करते समय अन्तिम जुताई में मिला देना चाहिएI

बीज बुवाई

टमाटर की खेती के लिए प्रति हैक्टर बीज की मात्रा का प्रयोग हमारे किसान भाई किस तरह से करें?
सामान्य एवं उन्नतशील प्रजातियों की बीज दर 500 से 600 ग्राम प्रति हैक्टर पड़ता हैI और संकर प्रजातियों में 200 से 250 ग्राम प्रति हैक्टर आवश्यकता होती हैI
टमाटर के बीजो का बीजो उपचार किस प्रकार से करना चाहिए?
बीजो को बुवाई से पहले बीजो को 2 ग्राम एवं थीरम 1 ग्राम कार्बेन्डाजिम के मिश्रण से प्रति किलो ग्राम बीज को उपचारित करने के पश्चात बुवाई करनी चाहिएI जब पौधे एक सप्ताह के लगभग हो जाए तब डाइथेन एम् 45 या वैविसटीन 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करना चाहिएI

पौधशाला

टमाटर की पौध के लिए अपने खेत की तैयारी  वह कैसे करे?
स्वस्थ पौध तैयार करने के लिए विशेष ध्यान देना चाहिए भूमि तैयार होने पर 0.75मीटर चौड़ी तथा आवश्यकता अनुसार 5 से 10 मीटर लम्बी और 15 से 20 सेंटी मीटर ऊँची क्यारियां बना लेना चाहिएI पौध डालने से पहले 5 किलो सड़ी गोबर की खाद प्रति क्यारी, 40 ग्राम डी. . पी., 10 ग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश तथा 5 ग्राम यूरिया प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से डालना चाहिएI बीज को 3 ग्राम फूराडान 10 ग्राम थीमेट से प्रति लीटर पानी में घोलकर बुवाई के 3 से 4 दिन पहले क्यारियों में छिडकाव करने से हानिकारक कीट नष्ट हो जाते हैI

प्रतिरोपण

टमाटर की रोपाई कब और कैसे करें?
इसमे  समय अनुसार रोपाई की जाती हैI वर्षा ऋतू में जून जुलाई में पौध डालकर जुलाई अगस्त में रोपाई की जाती हैI जाड़े की फसल में सितम्बर में पौध डालकर अक्टूबर में रोपाई की जाती हैI जायद की फसल 15 जनवरी से 15 फरवरी तक पौध तैयार करके 15 फरवरी से 15 मार्च तक रोपाई की जाती हैI रोपाई लाइन से लाइन तथा पौध से पौध की दूरी में करनी चाहिए सीमित बढवार वाली फसले 60 सेन्टी मीटर लाइन से लाइन 45 सेन्टी मीटर पौध से पौध की दूरी रखनी चाहिएI असीमित बढवार वाली फसलो में 75 सेन्टी मीटर लाइन से लाइन 50 सेन्टी मीटर पौध से पौध की दूरी रखनी चाहिएI पौध की रोपाई शाम 3 बजे के बाद करनी चाहिए जिससे  की रात में पौध सेट हो जाएI

जल प्रबंधन

टमाटर की फसल में सिचाई कब और कैसे करें?
पौध रोपाई के बाद तुरन्त ही हल्की सिचाई करनी चाहिएI बाद में आवश्यकता अनुसार सिचाई करते रहना चाहिएI

खरपतवार प्रबंधन

टमाटर की फसल में खरपतवार का नियंत्रण किस प्रकार करना चाहिए?
खरपतवार नियंत्रण के लिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई करके खेत को खरपतवार से मुक्त रखना चाहिएI प्रत्येक निराई-गुड़ाई करते समय पौध पर मिट्टी चढ़ा देना चाहिएI

रोग प्रबंधन

टमाटर की फसल  में कौन कौन से रोग लगने की सम्भावना होती है उसका नियंत्रण हम किस तरह से करें?
टमाटर की फसल में बहुत से रोग और कीट लगते है जैसे की अर्धगलन डंपिंग आफ यह पौधे की गलने की बीमारी हैI यह फफूंद के कारण होती हैइसके  नियंत्रण के लिए कई उपाय हैI बीज बोने से पहले कैप्टन या थीरम से उपचारित कर लेना चाहिएI नर्सरी में कैप्टन 2 ग्राम प्रति लीटर पानी घोल बनाकर छिडकाव करना चाहिएI दूसरा आता है पगेती झुलसा इससे पुरानी पत्तियां पीली पड़कर सुखकर गिर जाती हैI इसके नियंत्रण के लिए बुवाई से पहले बीज को उपचारित कर लेना चाहिए दूसरा इंडोफिल एम्-45 की 2 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करना चाहिएI तीसरा कापर आक्सीक्लोराइड 3 ग्राम की मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करना चाहिएI तीसरा रोग है विषाणु रोग जिसे मोजेक कहते हैI इसमे पत्तियाँ सिकुड़ जाती है पौधे की वृद्धि रुक जाती हैI नियंत्रण हेतु सिकुड़ी पत्तियों को उखाड़ के जला देना चाहिएI फसल पर 2 ग्राम मोनोक्रोटोफास पानी में घोल बनाकर छिडकाव करते रहना चाहिए जिससे की हमें पैदावार अच्छी मिल सकेI

कीट प्रबंधन

टमाटर में लगने वाले कीट और उसका नियंत्रण हम किस तरह से करें?
टमाटर की फसल में पत्ती, तना एव् फल वेधक कीट लगते हैI इससे पौधों की पत्तियां ग्रसित होकर गिर जाती है तथा पौधे ऊपर से मुड़ जाते हैI और फलो में छेद करके अन्दर से गुणवता ख़राब कर देते हैI इसकी रोकथाम के लिए मैलाथियान 50 सी की 1 से 1.25 लीटर दवा 600 से 800 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हैक्टर की दर से छिडकाव करना चाहिएI कार्बोसल्फान 35 . सी. उपरोक्त मात्रा का छिडकाव करना चाहिएI

फसल कटाई

टमाटर की फल का तुडाई का सही समय क्या है?
सामान्य किस्मो की तुडाई बुवाई से 90 से 100 दिन में शुरू की जाती हैI संकर प्रजातियों की तुडाई 70 से 80 दिन से शुरू की जाती हैI समय पर तुडाई करके पैक कर बाजार में भेजना चाहिएI जिससे अधिक तुडाई मिल सके और पैदावार अधिक प्राप्त हो सकेI

पैदावार

टमाटर की फसल से प्रति हैक्टर कितनी उपज प्राप्त  करने की सम्भावना होती है?

सामान्य प्रजातियों की पैदावार 300 से 350 कुन्तल प्रति हैक्टर संकर प्रजातियों की पैदावार 550 से 600 कुन्तल पैदावार प्रति हैक्टर होती है

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