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ग्लेडियोलस की खेती

जलवायु और भूमि

ग्लेडियोलस की खेती के लिए किस प्रकार की ज
लवायु एवं भूमि की आवश्यकता होती है?
ग्लेडियोलस की खेती हेतु कम से कम तापक्रम 16 डिग्री सेंटीग्रेट तथा अधिक तापक्रम 23 से 40 डिग्री सेंटीग्रेट उपयुक्त होता है इसमे फूल आने पर बरसात नहीं होनी चाहिए ग्लेडियोलस की खेती सभी प्रकार की भूमि की जा सकती है जहाँ पर पानी का निकास अच्छा होता है लेकिन बलुई दोमट भूमि सर्वोत्तम मानी जाती हैI

प्रजातियाँ

ग्लेडियोलस की उन्नतशील प्रजातिया कौन-कौन सी है?
ग्लेडियोलस की लगभग दस हजार किस्मे है लेकिन कुछ मुख्य प्रजातियों की खेती उत्तर प्रदेश के मैदानी क्षेत्रो में होती है जैसे कि स्नो क्वीन, सिल्विया, एपिस ब्लासम, बिग्स ग्लोरी, टेबलर, जैक्सन लिले, गोल्ड बिस्मिल, रोज स्पाइटर, कोशकार, लिंकन डे, पैट्रीसिया, जार्ज मैसूर, पेंटर पियर्स, किंग कीपर्स, किलोमिंगो, क्वीन, अग्नि, रेखा, पूसा सुहागिन, नजराना, आरती, अप्सरा, सोभा, सपना एवं पूनम आदि हैI

खेत की तैयारी

ग्लेडियोलस की खेती के लिए खेत किस तरह से तैयार करना है?
खेत की पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करके दो-तीन जुताई कल्टीवेटर या देशी हल से करने के बाद पाटा लगाकर खेत को समतल एवं भुरभुरा बना लेना चाहिएI आख़िरी जुताई में 500 कुंतल सड़ी गोबर की खाद मिला देना चाहिए तथा पानी के निकास का उचित प्रबंध करना चाहिएI

बीज बुवाई

ग्लेडियोलस की प्रति हेक्टेयर बुवाई एवं कन्दो की रोपाई में कितनी मात्रा लगती है तथा शोधन हमें किस प्रकार से करना चाहिए?
एक हेक्टेयर भूमि कन्दो की रोपाई हेतु लगभग दो लाख कन्दो की आवश्यकता पड़ती है यह मात्रा कन्दो की रोपाई की दूरी पर घट बढ़ सकती हैI कन्दो का शोधन बैविस्टीन के 0.02 प्रतिशत के घोल में आधा घंटा डुबोकर छाया में सुखाकर बुवाई या रोपाई करनी चाहिएI

पौधरोपण

ग्लेडियोलस के कन्दो की रोपाई का समय क्या होना चाहिए और किस विधि से रोपाई करनी चाहिए?
कन्दो की रोपाई का उत्तम समय उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रो सितम्बर से अक्टूबर तक होता हैI कन्दो की रोपाई लाइनो में करनी चाहिएI शोधित कन्दो को लाइन से लाइन एवं पौधे से पौधे की दूरी 20 सेंटीमीटर अर्थात 20 गुने 20 सेंटीमीटर की दूरी पर 5 सेंटीमीटर की गहराई पर रोपाई करनी चाहिएI लाइनो में रोपाई से निराई-गुड़ाई में आसानी रहती है और नुकसान भी कम होता हैI

पोषण प्रबंधन

ग्लेडियोलस की खेती के लिए कितनी मात्रा में खाद एवं उर्वरको का प्रयोग करना चाहिए तथा कब-कब करना चाहिए?
खेत तैयार करते समय 500 कुंतल सड़ी गोबर की खाद आख़िरी जुताई में मिला देना चाहिएI इसके साथ ही पोषक तत्वों की अधिक आवश्यकता होने के कारण 200 किलोग्राम नत्रजन, 400 किलोग्राम फास्फोरस तथा 200 किलोग्राम पोटाश तत्व के रूप में प्रति हेक्टेयर देना चाहिएI नत्रजन की आधी मात्रा, फास्फोरस व् पोटाश की पूरी मात्रा खेत की तैयारी के समय बेसल ड्रेसिँग के रूप में देना चाहिए शेष नत्रजन की आधी मात्रा कन्दो की रोपाई एक माह बाद टॉप ड्रेसिंग के रूप में देना चाहिएI

जल प्रबंधन

ग्लेडियोलस की खेती की सिंचाई कब करनी चाहिए?
सिंचाई रोपाई के 10 से 15 दिन बाद जब कांड अंकुरित होने लगे तब पहली सिंचाई करनी चाहिएI फसल में नमी की कमी नहीं होनी चाहिए तथा पानी सिंचाई का भरा भी नहीं रहना चाहिएI अन्य सिंचाई मौसम के अनुसार आवश्यकतानुसार करनी चाहिए जब फसल खुदने से पहले पीली पद जाये तब सिंचाई नहीं करनी चाहिएI

खरपतवार प्रबंधन

ग्लेडियोलस की खेती करते समय निराई-गुड़ाई किस विधि से करनी चाहिए?
कुल 4 -5 निराई-गुड़ाई की आवश्यकता पड़ती हैI दो बार मिट्टी पौधों पर चढ़ानी चाहिये उसी समय नाइट्रोजन का प्रयोग टॉप ड्रेसिंग के रूप में करना चाहिएI तीन पत्ती की स्टेज पर पहली बार व् छः पत्ती की स्टेज पर दूसरी बार मिट्टी चढ़ानी चाहिएI

रोग प्रबंधन

ग्लेडियोलस की खेती में कौन-कौन से रोग लगते है और उनकी रोकथाम किस तरह से कर सकते है?
इसमे झुलसा रोग, कंद सडन एवं पत्तियों के सूखने की बीमारी लगती हैI इनके नियंत्रण हेतु 0. 05 प्रतिशत को ओरियोफैंजिम का घोल बनाकर या 0. 2 प्रतिशत का बैविस्टीन अथवा वेलनेट का घोल बनाकर 10 से 12 दिन के अंतराल पर छिड़काव करना चाहिएI

कीट प्रबंधन

ग्लेडियोलस की खेती में लगाने वाले कीटो के बारे में बताये और उनकी रोकथाम हम किस तरह कर सकते है?
इसमे माहू एवं लाल सूंडी कीट लगते है इनकी रोकथाम के लिए रोगार 30 ई.सी. को 250 मिलीलीटर दवा 250 लीटर अर्थात 1 मिलीलीटर दवा 1 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिएI

फसल कटाई

ग्लेडियोलस की खेती में फूलो एवं कंदो की कटाई किस समय तथा किस विधि से करनी चाहिए?
फूलो या स्पाइको की कटाई सुबह के समय करनी चाहिएI कटाई के बाद डंडियों को बाल्टी में भरे पानी में रखना चाहिएI यदि पुष्प दूर भेजना हो तो डंडी की नीचे की कली में जैसे ही रंग दिखाई देना शुरू हो जाये तो काट लेना चाहिए तथा सौ-सौ के गुच्छों में बांधकर बाजार में भेजना चाहिएI यदि जल्दी प्रयोग में लाना हो तो तीन-चार पुष्प अवश्य पूर्ण विकसित होना चाहिएI कंदो की खुदाई करने के पश्चात 10 से 15 दिन छायादार कमरे में सुखाना चाहिए इसके बाद कंदो को लकड़ी की हवादार पेटियो में या पतले बोरे में भरना चाहिए जिनमे हवा जा सके इससे सड़ने का दर नहीं रहता हैI

पैदावार

ग्लेडियोलस की खेती में उपज प्रति हेक्टेयर कितनी प्राप्त होती है?

पौधों की दूरी के अनुसार एक लाख से एक लाख पच्चीस हजार पुष्प डांडिया प्रति हेक्टेयर प्राप्त होती है I

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