परवल सब्जी की फसलो
में आता है,
इसकी खेती बहुवर्षीय
की जाती हैI
इसे ज्यादातर पूर्वी
उत्तर प्रदेश, बिहार,
पश्चिम बंगाल में उगाया
जाता हैI लेकिन
असम, ओडिसा, मध्य
प्रदेश , महाराष्ट्रा एवं गुजरात
के कुछ भागो
में इसकी खेती
की जाती हैI
इसके साथ ही
बिहार की दियार
भूमि तथा पूर्वी
उत्तर प्रदेश के
रैनफेड क्षेत्र में अत्याधिक
खेती की जाती
हैI इसमे विटामिन
ए एवं सी
प्रचुर मात्रा में पाया
जाता हैI
जलवायु और भूमि
परवल की खेती के लिए जलवायु अवं भूमि किस तरह की होनी चाहिए?
परवल की खेती
गर्म एवं तर
जलवायु वाले क्षेत्रो
में अच्छी तरह
से की जाती
हैI इसको ठन्डे
क्षेत्रो में न
के बराबर उगाया
जाता हैI सर्दियों
में इसमे बढ़वार
नहीं होती है,
इसकी खेती हेतु
जीवांशयुक्त बलुई दोमट
समुचित जल निकास
वाली भूमि सर्वोत्तम
मानी जाती हैI
प्रजातियाँ
परवल की प्रजातियां कौन-कौन सी पाई जाती है?
परवल में दो
प्रकार की प्रजातियां
पाई जाती है,
प्रथम क्षेत्रीय प्रजातियां
जैसे की बिहार
शरीफ, डंडाली, गुल्ली,
कल्यानी, निरिया, संतोखिया एवं
सोपारी सफेदा आदि है
द्धितीय उन्नतशील प्रजातियां जैसे
की एफ. पी.1,
एफ. पी.3, एफ.
पी.4, एच. पी.1,
एच. पी.3, एच.
पी.4 एवं एच.
पी.5 है इसके
साथ ही छोटा
हिली, फैजाबाद परवल
1 , 3 , 4 तथा चेस्क सिलेक्शन 1 एवं
2 इसके साथ ही
चेस्क हाइब्रिड 1 एवं
2 तथा स्वर्ण अलौकिक
, स्वर्ण रेखा तथा
संकोलिया आदि हैI
खेत की तैयारी
परवल की खेती करने हेतु खेत की तैयारी किस प्रकार करनी चाहिए?
परवल की खेती
ज्यादातर मेड़ों आदि के
किनारे की जाती
है, समतल खेतो
में भी की
जा सकती है
फिर भी खेत
की तैयारी में
पहली जुताई मिट्टी
पलटने वाले हल
से करके दो-तीन जुताई
देशी हल या
कल्टीवेटर से करना
चाहिएI जुताई के बाद
पाटा लगाकर खेत
को समतल करते
हुए भुरभुरा बना
लेना चाहिएI जहाँ
मेड़ों के किनारे
करते है वहां
पर गड्ढे 1.5 मीटर
लंबा, 1.5 मीटर चौड़ा
एवं 60 से 90 सेंटीमीटर गहरे
तैयार किये जाते
है गड्ढो में
भी आख़िरी में
गोबर की खाद
आदि डालकर तैयार
कर लेते हैI
यदि समतल खेत
में फसल उगानी
है तो आख़िरी
जुताई में 200 से
250 कुंतल सड़ी गोबर
की खाद प्रति
हेक्टेयर की दर
से मिला देना
चाहिएI
बीज बुवाई
परवल की फसल में उत्पादन कैसे और किसके द्वारा किया जाता है?
परवल का उत्पादन
जड़ो जिसे की
सकर कहते है
या कटिंग के
द्वारा रोपाई की जाती
हैI कटिंग द्वारा
प्रोपोगेसन या रोपाई
आसानी से जल्दी
की जा सकती
है इसके द्वारा
फसल जल्दी तैयार
हो जाती हैI
परवल की फसल उगने हेतु कटिंग या जड़ो की कितनी मात्रा प्रति हेक्टेयर लगती है?
परवल में कटिंग
या जड़ो की
संख्या रोपाई के अनुसार
रोपाई की दूरी
पर जैसे एक
मीटर गुणे डेढ़
मीटर दूरी पर
4500 से 5000 तथा एक
मीटर गुणे दो
मीटर की दूरी
पर 3500 से 4000 कटिंग या
टुकड़े प्रति हेक्टेयर
लगते हैI कटिंग
या टुकड़ो की
लम्बाई एक मीटर
से डेढ़ मीटर
तथा 8 से 10 गांठो
वाले टुकड़े रखते
है तथा गड्ढो
या नालियो की
मेड़ों पर 8 से
10 सेंटीमीटर तथा समतल
भूमि पर 3 से
5 सेंटीमीटर गहराई पर गाड़ते
हैI मादा अवं
नर का अनुपात
10:1 का कटिंग में रखते
हैI
परवल की कटिंग लगाने यानी की रोपाई किस समय तथा किस विधि से करनी चाहिए?
परवल में लताओं
की कटिंग या
जड़ो की रोपाई
जगह-जगह के
अनुसार अलग-अलग
समय पर की
जाती हैI कटिंग
या जड़े एक
साल पुराने पौधे
से फल आने
की अवस्था में
लेना चाहिएI कटिंग
ज्यादातर अक्टूबर के माह
में ली जाती
है तथा रोपाई
नवम्बर में दियारा
भूमि पर करते
है इसके साथ
ही ऊपरी भूमि
पर फरवरी से
मार्च तक कटिंग
लेकर रोपाई करते
हैI कटिंग या
जड़ो की रोपाई
समतल भूमि मेड़ों
तथा गड्ढो में
की जाती हैI
गड्ढो में रिंग
विधि द्वारा तथा
समतल भूमि पर
एवं नालियो तथा
मेड़ों पर सीधी
एक मीटर से
डेढ़ मीटर की
लम्बी कटिंग को
3 से 5 सेंटीमीटर गहराई पर
लगाते हैI लाइन
से लाइन की
दूरी एक मीटर
से डेढ़ मीटर
तक या एक
मीटर से दो
मीटर रखते है
तथा टुकड़ो पर
8 से 10 गांठे होनी चाहिएI
दस लाइने मादा
की लगाने के
बाद एक लाइन
नर की अर्थात
10:1 के अनुपात में रोपाई
करते हैI
पोषण प्रबंधन
परवल की फसल में खाद एवं उर्वरको का प्रयोग कब और कैसे तथा कितनी मात्रा में करनी चाहिए?
परवल की फसल
हेतु 200 से 250 कुंतल प्रति
हेक्टेयर की दर
से सड़ी गोबर
की खाद खेत
तैयारी के समय
आख़िरी जुताई में
अच्छी तरह मिला
देना चाहिए इसके
साथ ही 90 किलोग्राम
नत्रजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस तथा
40 किलोग्राम पोटाश तत्व के
रूप में प्रति
हेक्टेयर देना चाहिएI
नत्रजन की आधी
मात्रा एवं फास्फोरस
व् पोटाश की
पूरी मात्रा गड्ढो
या नलियो में
खेत तैयारी के
समय देना चाहिएI
तथा नत्रजन की
आधी मात्रा फूल
आने की अवस्था
में देना चाहिए
इसके बाद भी
दूसरे एवं तीसरे
साल भी सड़ी
गोबर की खाद
प्रति वर्ष रैटूनिंग
या खड़ी फसल
में फल आने
की अवस्था पर
देना चाहिएI आवश्यकतानुसार
नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश का
मिश्रण भी प्रयोग
करना चाहियI
परवल की फसल में सिंचाई कब और कैसे करनी चाहिए?
कटिंग या जड़ो
की रोपाई के
बाद नमी के
अनुसार सिंचाई करनी चाहिए
यदि आवश्यकता पड़े
तो 8 से 10 दिन
के अंदर पहली
सिंचाई करनी चाहिएI
लेकिन जाड़ो के
दिनों में 15 से
20 दिन बाद तथा
गर्मियों में 10 से 12 दिन
बाद सिंचाई की
आवश्यकता पड़ती है
इसके साथ ही
वर्षा ऋतू में
आवश्यकतानुसार सिंचाई करनी चाहिएI
खरपतवार प्रबंधन
परवल की फसल में निराई-गुड़ाई कब करनी चाहिए?
परवल की रोपाई
के बाद किल्ले
आने पर सिंचाई
के बाद निराई-गुड़ाई करके खेत
को साफ़ रखना
चाहिएI शुरू में
अधिक निराई-गुड़ाई
की आवश्यकता पड़ती
हैI पूरे साल
निराई-गुड़ाई करने
पर फलों की
फलत अच्छी रहती
हैI जिससे की
पैदावार अधिक मिलती
हैI इसके साथ
ही पुवाल की
मल्चिंग रोपाई के बाद
करनी चाहिए इससे
स्प्राउट अर्थात किल्ले अच्छे
निकलते हैI
परवल की फसल में ट्रेनिंग कब और कैसे करनी चाहिए?
परवल की फसल
में लताओं को
बांसों के सहारे
पोल लगाकर रस्सी
या तारो के
सहारे ऊपर की
ओर लगभग एक
मीटर उचाई तक
चढ़ाते है इससे
फसल में परागण
की क्रिया अधिक
होने से फलों
की संख्या 200 प्रतिशत
तक बढ़ सकती
है इससे पैदावार
भी अधिक मिलती
हैI
परवल की फसल में प्रूनिंग कब और कैसे करनी चाहिए?
जब फसल को
दूसरे साल के
लिए छोड़ा जाता
है तो जाड़ो
से पहले जमीन
से एक फुट
ऊचाई से लताओं
की कटाई करके
प्रूनिंग करनी चाहिएI
रोग प्रबंधन
परवल की फसल में कौन-कौन से रोग लगते है तथा उनका नियंत्रण किस तरह कर सकते है?
परवल में फफूंदी
वाले रोग लगते
है जैसे की
पाउडरी मिल्ड्यू फफूंदी, डाउनी
मिल्ड्यू फफूंदी, सर्कोस्पोरा धब्बा
रोग तथा विषाणु
रोग लगते है
इसकी रोकथाम के
लिए प्रमाणित जगह
से कटिंग लेना
चाहिएI फसल चक्र
अपनाना चाहिए इसके साथ
ही कोषावेट गंधक
दो ग्राम प्रति
लीटर पानी में
या कैरोथिन एक
मिलीलीटर प्रति लीटर पानी
में मिलाकर 3 से
4 छिड़काव 10 से 15 दिन के
अंतराल पर करना
चाहिएI विषाणु रोग की
रोकथाम के लिए
स्टेप्टोमायसीन 400 पी.पी.एम का
छिड़काव 10 दिन के
अंतराल पर दो
बार करना चाहिएI
कीट प्रबंधन
परवल की फसल में कौन-कौन से कीट लगते है तथा उनका नियंत्रण किस तरह कर सकते है?
इसमे माहू, बत्र कीट,
कुकरबिट माइट तथा
रेड पम्पकिन बीटल
कीट लगते है
इनकी रोकथाम के
लिए मैलाथियान 0.1 प्रतिशत
या मेटासिस्टॉक्स 0.1 से
0.2 प्रतिशत या कार्बराईल
0.1 से 0.2 प्रतिशत या रोगोर
0.1 से 0.2 प्रतिशत का छिड़काव
करना चाहिए साथ
ही ग्रसित पौधों
को उखाड़कर अलग
कर देना चाहिएI
फसल कटाई
परवल की फसल के फलों की तुड़ाई कब करनी चाहिए?
फसल में जब
खाने योग्य फल
मिलाने लगे तो
फलों की तुड़ाई
करनी चाहिए फल
बनना शुरू होने
के 15 से 18 दिन
बाद तुड़ाई करनी
चाहिएI जब तुड़ाई
शरू हो जावे
तो इसके बाद
प्रति सप्ताह फसल
में फलों की
तुड़ाई करनी चाहिए
जिससे की बीज
फलों में कड़े
न हो सके
साथ ही बाजार
भाव भी अच्छा
मिल सकेI
परवल की फसल में उपज प्रति हेक्टेयर कितनी मात्रा में प्राप्त होती है ?
उपज कटिंग की रोपाई
के तरीको के
आधार पर पैदावार
अलग-अलग प्राप्त
होती है I सामान्य
रूप से पहले
साल फसल से
पैदावार 75 से 90 कुंतल प्रति
हेक्टेयर प्राप्त होती है
तथा अगले सालो
में रैटूनिंग के
द्वारा चार साल
तक 150 से 175 कुंतल प्रति
हेक्टर पैदावार प्रति वर्ष
प्राप्त होती है
I
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